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Showing posts from June, 2017

pandu avam kamla rog chikitsa charak ke anusar

पाण्डु अर्थात anaemia  की  चिकित्सा  अनुसार : चरक संहिता के अध्याय १६ में चरक ने पाण्डु की अवं  संपूर्ण वर्णन किया हे उसमें से कुछ उपयोगी चिकित्सा को यह आअज के परपेक्ष्य में दर्शाने का प्रयावात स किया हे: सा. चिकित्सा : १. सबसे पहले पाण्डु रोगी का  करे उसके बाद उसे तीक्षण वामन विरेचन करक औषध का प्रयोग कर संशोधन करे| २. यदि साध्य पाण्डु का रोगी हो तो तिक्त द्रव्यों से निर्मित विरेचक द्रव्यों का प्रयोग करना  चाहिए इस समय यह दोष का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए : १. वात प्रकोप के लक्षण हो तो स्निग्धा द्रव्यों का प्रयोग करना चाहिये २.यदि पित्त प्रकोप  तो तिक्त  रस एवं शीत  वीर्य से एक्ट द्रव्य ३.कफ होने पर:कटु तिक्त रस युक्त एवं उशना वीर्य युक्त द्रव्यों का प्रयोग करना चाहिए ३. यदि पाण्डु मृतिका  हो तो तिक्ष्ण संशोधन कर उसकी चिकित्सा करनी चाहिए  खायी गई मिटटी  आ जाएगी उसके बाद ही उसमे शुद्ध घी का प्रयोग करे| ये पाण्डु रोग की चिकित्सा का समान्य सिद्धांत हे अब में पायुक्त होने वाली औषध  का संक्षिप्त वर्णन करूँगा | ...